(मेरे ब्लॉग पर ये (१०० वीं ) सौवीं पोस्ट माता शारदे को समर्पित है । मुझे इस बात से अत्यंत हर्ष हो रहा है कि आज के ही शुभ दिन यह सुअवसर आया है ।)
इस अज्ञ का जीवन तार दे,
तम अज्ञान का दूर कर दे माँ,
तू प्रत्यय का उपहार दे ।
तू सर्वज्ञाता माँ वीणापाणि,
मैं जड़ मूरख ओ हंसवाहिनी,
चेतन कर दे,जड़ता हर ले,
मैं भृत्य तेरा हे विद्यादायिनी ।
जग को भी सीखलाना माँ,
सत्य का पाठ पढ़ाना माँ,
जो अकिञ्चन ज्ञान से भटके,
मति का दीप जलाना माँ ।
मैं दर पे तेरे आया माँ,
श्रद्धा सुमन भी लाया माँ,
सुध मेरी बस लेती रहना,
तेरे स्मरण से मन हर्षाया माँ ।
माँ कलम मेरी न थमने देना,
भावों को न जमने देना,
न लेखन में अकुलाऊँ माँ,
काव्य का धार बस बहने देना ।
माँ विनती मेरी स्वीकार कर,
मुझ मूरख का उद्धार कर,
कृपा-दृष्टि रखना सदैव,
निज शरण में अंगीकार कर ।
जय माँ शारदे ।
(सभी ब्लॉगर मित्रों को माँ शारदे पूजा की हार्दिक शुभकामनाये |)
(सभी ब्लॉगर मित्रों को माँ शारदे पूजा की हार्दिक शुभकामनाये |)
माँ शारदे का आशीर्वाद बना रहे!
ReplyDeleteशुभकामनाएं!
धन्यवाद अनुपमा जी |
Deleteमाँ शारदे की कृपा सदा आप पर बनी रहे, यही मेरी माँ शारदे से विनती है,यही मरा आशीर्वाद है निरंतेर इसी तरह लिखते रहे
ReplyDelete१०० वी पोस्ट के लिए बहुत२ बधाई शुभकामनाए...
धीरेन्द्र जी आपका आभार |
Deleteमाँ शारदे को नमन
ReplyDelete१०० वीं पोस्ट के लिए बहुत-बहुत बधाई.... :) माँ सरस्वती की कृपा ऐसी ही बनी रही.... :)
ReplyDeleteविभा जी आपका धन्यवाद |
Deleteबहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ।
ReplyDeleteबसंत पंचमी की शुभकामनाएं....
मां शारदे को नमन!
१०० वी पोस्ट से लिए बहुर बहुत बधाई
ReplyDeleteसंजय जी आपका हार्दिक आभार |
Deleteबहुत ही बढ़िया ।
ReplyDeleteबसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएँ।
सादर
100वीं प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई।
ReplyDeleteयशवंत जी आपका धन्यवाद |
Deleteअच्छी कविता है....हां १००वें पोस्ट में कुछ तो भाव-सुधार करें...यथा...
ReplyDeleteइस अग्य जीवन को तार दे..
---जीवन अग्य नहीं होता, अत:...=.अग्य के जीवन को तार दे
श्रद्धा सुमन भी लाया... =श्रद्धा सुमन अर्पण करूं आदि..
----यार, क्या धमका रहे हो मां को, उन्हें सब पता है क्या क्या लाया...
भावों को न जमने देना ..
----भाव जमने तो चाहिये ही....इसी लिये तो लिखते हैं...हां जमी हुई बर्फ़ की भांति अगतिशील नहीं होने चाहिये...
श्याम गुप्त जी, आपका आभार की आपने इतनी बारीकी से मेरी रचना देखी | इसी तरह आप जैसे महानुभव ब्लॉग में आकर शिक्षा देते रहेंगे तो अवश्य ही सुधार कर पाउँगा |
Deleteधन्यवाद |
बहुत सुन्दर,सार्थक प्रस्तुति।
ReplyDeleteऋतुराज वसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएँ।
आपका आभार |
Deleteसौवीं पोस्ट की बधाई ..अच्छी प्रस्तुति ..
ReplyDeleteडा० श्याम गुप्त जी की बात पर भी ध्यान दीजियेगा
जी जरुर ध्यान दूंगा | आगे से बेहतर करने की कोशिश करूँगा | आपलोग यूँही आके मार्गदर्शन करते रहें |
Deleteआभार |
हार्दिक शुभकानाएं
ReplyDeleteधन्यवाद अंजू जी |
Deleteसुन्दर प्रस्तुति..
ReplyDelete१०० वी पोस्ट के लिए बधाई
माता सरस्वती का आशीर्वाद अप पर बना रहे....
वसंत पंचमी की हार्दिक शुभ कामनाएँ ....
रीना जी आपका आभार |
Deleteबहुत खुबसूरत रचना,
ReplyDeleteबसन्त पञ्चमी की हार्दिक शुभकामनाएँ!
अपने ब्लाग् को जोड़े यहां से EK BLOG SABKA
आशा है , आपको हमारा प्रयास पसन्द आएगा!
सवाई सिंह जी आपका हार्दिक धन्यवाद |
Delete100वी पोस्ट पर ढेरों बल्ले बल्ले ☺
ReplyDeleteकाजल जी आपका आभार |
Delete१०० वी पोस्ट के लिए बधाई,
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना,बेहतरीन प्रस्तुति,
welcome to new post --काव्यान्जलि--हमको भी तडपाओगे....
धन्यवाद |
Delete