फूलों की तरह हँसो, औरों की मुस्कान तू बन,
धन से तुम गरीब ही सही, दिल से ही धनवान तू बन ।रात देख भयभीत न हो, सुबह होगी इंतजार तो कर,
दुनिया तुझसे प्यार करेगी,औरों से तू प्यार तो कर ।
पर्वत से भी राह मिलेगा, थक कर बस यूँ हार न तू,
तलाश ही ले तू अपनी मंजिल, मन को अपने मार न तू ।
जीत तुझको भी मिलेगी, राह पे अपने चल निकल,
"दीप" दिखा तू औरों को, राह भी तेरा हो उज्ज्वल ।
रात देख भयभीत न हो, सुबह होगी इंतजार तो कर,
ReplyDeleteदुनिया तुझसे प्यार करेगी,औरों से तू प्यार तो कर
bahut sundar bhavon se bhari abhivyakti.
रात देख भयभीत न हो, सुबह होगी इंतजार तो कर,
ReplyDeleteदुनिया तुझसे प्यार करेगी,औरों से तू प्यार तो कर
bahut sundar abhivyakti bhavon ki .badhai
प्रदीप जी, आपके ब्लॉग पर जाकर अच्छा लगा । आपकी कविता सुन्दर है । बधाई स्वीकारें ।
ReplyDeletekhubsurat rachna... n thanku for comments....
ReplyDeleteप्रेरणादायक रचना
ReplyDeletevery inspirational !!
ReplyDeleteधन से तुम गरीब ही सही, दिल से ही धनवान तू बन ।
I wish everyone can think like that.