मेरे साथी:-

Thursday, June 9, 2011

उसने एहसान कर दिया

आकर मेरी जिंदगी में उसने एक एहसान कर दिया,
मैं तो था एक अदना प्राणी उसने एक सुलझा इंसान कर दिया ।

सुबह से लेके शाम तक मेरे ही फिक्र में रहती वो,
गम को जीवन में चंद लम्हों का मेहमान कर दिया ।

भटक रहा था नभ में बिना किसी लक्ष्य को लिए,
लक्ष्य देकर मुझको कर्म को मेरा ईमान कर दिया ।

गुलजार कर दिया उसने मेरे हर एक लम्हे को,
हर एक पल खुशियों से मेरा मिलान कर दिया ।

हर एक जिंदगी में मैं उससे ही मिलता रहुँ,
मेरी जिंदगी में वो रहे रब से ये एलान कर दिया ।

भगवान का शुक्रगुजार हूँ वो मुझको है मिली,
आकर मेरी जिंदगी में उसने एक एहसान कर दिया ।

4 comments:

  1. हर एक जिंदगी में मैं उससे ही मिलता रहुँ,
    मेरी जिंदगी में वो रहे रब से ये एलान कर दिया ।dil main aaye bhavon ko sachchai se bayaan karati hui bahut hi pyaari rachnaa,badhaai.




    please visit my blog.thanks.

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  2. APNE JEEVANSATHI KE LIYE DEEP JI AAPKI YE BHAVNAYEN SARAHNIY HAIN.

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  3. भगवान का शुक्रगुजार हूँ वो मुझको है मिली,
    आकर मेरी जिंदगी में उसने एक एहसान कर दिया ।

    बहुत अच्छी भावनाएं और उतनी ही सुन्दर रचना....

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