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Friday, October 25, 2013

वरदान

(डायरी से एक और रचना आप सब से साझा कर रहा हूँ | हर पंक्तियों का पहला अक्षर मिला के किसी के लिए कुछ सन्देश भी था इसमें, स्वयं देख लें |)

माना नहीं आसान,
ए पथ जीवन के;
सीरत में प्यार ही,
सान सफ़र बनाता है |

श्वर की नेमत या,
गन ये पूजा की;
रदान ये अपार,
युगों से कहलाता है |

भेजा गया स्वर्ग से,
रिश्तों में सिरमौर ये;
न की गहराइयों में,
रम पद ये पाता है |

मेल का न ढोंग न,
रीतियों की दीवार;
जिंदगी ही बस यहाँ,
या पात्र बनाता है |

गीत-प्रीत मन का,
तेज इसमें सूर्य का;
रीति-रिवाज बस दिल का,
है प्रेम में बस जाता है |

22.02.2004 

3 comments:

  1. रत्नों का पिटारा है भाई !!

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  2. उम्दा अभिव्यक्ति...बहुत बहुत बधाई...

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  3. nc pitara !
    http://drpratibhasowaty.blogspot.in/2013/10/1-choka-bhi.html?spref=fb / 4 u

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