भ्रष्टाचारियों सावधान, जाग रहा है देश ।।
नौकरशाह हो या नेता, घिर रहें हैं आज |
नोट नीति से कब तक, कुचलोगे आवाज ||
भ्रष्ट कर्म किए जो तूने, नहीं छुपेगा राज |
ऊपर वाले का सोंटा, बनके गिरेगा गाज़ ||
आज नहीं तो वर्षों बाद, खो दोगे तुम आपा |
यौवन का सब किया धरा, भरेगा तेरा बुढ़ापा ||
लालच में जब आ करके, बेच दिया है जमीर |
जेल की खिचड़ी भाग्य में, कहाँ मिलेगा खीर ||
न्याय तंत्र पे जाग गया, आज पुनः विश्वास |
भ्रष्ट हो जो वो अंदर हो, आम जनता की आस ||
नाच नचाते ही रहे, सबको तुम पल-पल |
कानून तुझे नचवायेगा, आएगा वो कल ||
नाच नचाते ही रहे, सबको तुम पल-पल |
कानून तुझे नचवायेगा, आएगा वो कल ||
आपकी लिखी रचना की ये चन्द पंक्तियाँ.........
ReplyDeleteन्यायालय ने दे दिया, एक कड़ा संदेश ।
भ्रष्टाचारियों सावधान, जाग रहा है देश ।।
नौकरशाह हो या नेता, घिर रहें हैं आज |
नोट नीति से कब तक, कुचलोगे आवाज ||
शनिवार 05/10/2013 को
http://nayi-purani-halchal.blogspot.in
को आलोकित करेगी.... आप भी देख लीजिएगा एक नज़र ....
लिंक में आपका स्वागत है ..........धन्यवाद!
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDeleteआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज शुक्रवार (04-10-2013) लोग जान जायेंगे (चर्चा -1388) में "मयंक का कोना" पर भी है!
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शारदेय नवरात्रों की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत सुंदर प्रस्तुति.! न्यायालय दवारा उचित फैसला,,
ReplyDeleteRECENT POST : पाँच दोहे,
जनता जग गई ,न्यायालय अपना निर्णय सुना दी जो उचित है १
ReplyDeleteनवीनतम पोस्ट मिट्टी का खिलौना !
नई पोस्ट साधू या शैतान
,न्यायालय निर्णय उचित है
ReplyDeleteशब्दों की मुस्कुराहट पर ....क्योंकि हम भी डरते है :)
सामयिक रचना
ReplyDeleteआपकी यह उत्कृष्ट रचना ‘ब्लॉग प्रसारण’ http://blogprasaran.blogspot.in पर कल दिनांक 6 अक्तूबर को लिंक की जा रही है .. कृपया पधारें ...
ReplyDeleteसाभार सूचनार्थ
बिल्कुल सही बहुत ... समसामयिक़ अभिव्यक्ति
ReplyDeleteबहुत सुन्दर एवं सामयिक रचना
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