(डायरी से एक और रचना आप सब से साझा कर रहा हूँ | हर पंक्तियों का पहला अक्षर मिला के किसी के लिए कुछ सन्देश भी था इसमें, स्वयं देख लें |)
माना नहीं आसान,
नए पथ जीवन के;
सीरत में प्यार ही,
आसान सफ़र बनाता है |
ईश्वर की नेमत या,
लगन ये पूजा की;
वरदान ये अपार,
युगों से कहलाता है |
भेजा गया स्वर्ग से,
रिश्तों में सिरमौर ये;
मन की गहराइयों में,
चरम पद ये पाता है |
मेल का न ढोंग न,
रीतियों की दीवार;
जिंदगी ही बस यहाँ,
दया पात्र बनाता है |
गीत-प्रीत मन का,
तेज इसमें सूर्य का;
रीति-रिवाज बस दिल का,
है प्रेम में बस जाता है |
22.02.2004
रत्नों का पिटारा है भाई !!
ReplyDeleteउम्दा अभिव्यक्ति...बहुत बहुत बधाई...
ReplyDeletenc pitara !
ReplyDeletehttp://drpratibhasowaty.blogspot.in/2013/10/1-choka-bhi.html?spref=fb / 4 u