क्या हुआ जो तूने ये होंठ सिल रखे,
आँखों ने तो तेरी सब बयाँ कर दिया,
माना कि प्यार है खामोशियों से तुम्हे,
धडकनों ने शोर यहाँ वहां कर दिया ।
छुपाये रखो जज्बातों को दिल ही दिल में,
ये तो एक हसीं सी अदा है तुम्हारी,
खोले बिना लब को ये क्या किया तूने,
दिल में मेरे तूने अपना निशाँ कर दिया ।
अदब से पेश हुआ नजराना दिल का,
न स्वीकारा न ठुकराया तूने ये क्या किया,
बचती रही अक्सर तुम मुझसे लेकिन,
मेरी चाहत ने मशहूर तेरा जहाँ कर दिया ।
चुप्पी ये तेरी इकरार ही तो है ऐ "दीप",
तुझमें ही अब सबकुछ है पा लिया मैंने,
ख्वाबों की दुनिया में ले चला तुझको,
कहाँ मैं था और तूने कहाँ कर दिया ।
(आज मेरे ब्लॉग को फॉलो करने वाले भद्रजनों की संख्या 100 हो गई है । आप सबके सहयोग, स्नेह और आशीर्वाद के लिए बहुत बहुत आभार । आप सब अपना स्नेह यूँ ही बनाये रखे |)
(आज मेरे ब्लॉग को फॉलो करने वाले भद्रजनों की संख्या 100 हो गई है । आप सबके सहयोग, स्नेह और आशीर्वाद के लिए बहुत बहुत आभार । आप सब अपना स्नेह यूँ ही बनाये रखे |)
बहुत सुंदर .
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ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना |
ReplyDeleteलेटेस्ट पोस्ट नव दुर्गा
नई पोस्ट साधू या शैतान
बहुत बहुत आभार आपका ।
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार आपका ।
ReplyDeleteबहुत खूब ,मन को प्रभावित करती सुंदर रचना ...!
ReplyDeleteनवरात्रि की शुभकामनाएँ .
RECENT POST : अपनी राम कहानी में.
बढ़िया प्रस्तुति-
ReplyDeleteआभार भाई -
नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें -
सुन्दर रचना !!
ReplyDeleteनवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ !!
भावों से भरी हुयी कविता के लिए आभार।
ReplyDeleteभावो को शब्द दे दिए आपने......
ReplyDeleteसुन्दर रचना ..बहुत बढिया..नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ !!
ReplyDeleteमाना कि प्यार है खामोशियों से तुम्हे,
ReplyDeleteधडकनों ने शोर यहाँ वहां कर दिया । ..
बिलकुल नया उदाहरण प्रदीप भाई .. विजयादशमी की सुभकामनाएँ
चुप्पी ये तेरी इकरार ही तो है ऐ "दीप",
ReplyDeleteतुझमें ही अब सबकुछ है पा लिया मैंने,
ख्वाबों की दुनिया में ले चला तुझको,
कहाँ मैं था और तूने कहाँ कर दिया ।
बहुत सशक्त भावाभिव्यक्ति। शुक्रिया प्रदीप जी आपकी टिपण्णी का।
छुपाये रखो जज्बातों को दिल ही दिल में,
ReplyDeleteये तो एक हसीं सी अदा है तुम्हारी,
खोले बिना लब को ये क्या किया तूने,
दिल में मेरे तूने अपना निशाँ कर दिया । वाह
very nice creation - - all the best
ReplyDeleteसु्न्दर ...
ReplyDeleteवाह वाह
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति..
नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें
बहुत ही सुन्दर .. दुर्गापूजा की हार्दिक शुभकामनायें
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति..
ReplyDeleteनवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें
क्या बात बहुत ख़ूब
ReplyDeleteचुप्पी ये तेरी इकरार ही तो है ऐ "दीप",
ReplyDeleteतुझमें ही अब सबकुछ है पा लिया मैंने,
बहुत सुन्दर रचना
नवरात्रि की शुभकामनाएँ ...
भ्रमर५
सुंदर रचना !
ReplyDeletebahut sundar ..chuppy ki aawaj ko ignore kar hi nahi sakte ...
ReplyDeleteसंख्या 100 होने पर बल्ले बल्ले
ReplyDeleteप्रेम की सुंदर और सार्थक अभिव्यक्ति
ReplyDeleteउत्कृष्ट प्रस्तुति
बधाई
आग्रह मेरे ब्लॉग में भी समल्लित हों
पीड़ाओं का आग्रह---
http://jyoti-khare.blogspot.in
हार्दिक शुभकामनाएँ
ReplyDeleteसुन्दर रचना ...
मन की भाव को सुन्दर शब्द दिए हैं ...
ReplyDeleteदशहरा की मंगल कामनाएं ...
इस मनभावन रचना के लिए हार्दिक बधाई ..सादर
ReplyDeleteAchhi Rachna Ka Prastutikaran. Thank You So Much Sahni Ji.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर .....
ReplyDeleteलीजिये साहब एक और फालोवेर ...बधाई !
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