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Wednesday, September 14, 2011

हिंदी हिन्दुस्तान है

हिंदी मेरी जान है,
भारत की पहचान है ;
भारत भाल की बिंदी है,
निज भाषा अभिमान है |

खत्री से बच्चन तक ने,
सींचा जिसे वो प्राण है;
संस्कृत के वृक्ष से निकली,
अद्भुत भाषा महान है |

देश को जोड़े एक सूत्र में,
मधुर-सी एक तान है;
है इसका समृद्ध-साहित्य,
हिन्द की ये शान है |

हिंदी ही पूजा है सबकी,
हिंदी ही अजान है;
होली, दीवाली हिंदी है,
हिंदी ही रमजान है |

देश को विकसित कर सकती,
हिंदी गुणों की खान है;
हिंदी अहित है देश अहित,
हिंदी हिन्दुस्तान है |
हिंदी हिन्दुस्तान है |

13 comments:

  1. हिंदी पर आपने बहुत ही उत्कृष्ट रचना लिखी है.हिंदी ही हमारा गौरव है ,हमारा मान है.

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  2. आपका धन्यवाद अरूण जी |

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  3. हिंदी की जय बोल |
    मन की गांठे खोल ||

    विश्व-हाट में शीघ्र-
    बाजे बम-बम ढोल |

    सरस-सरलतम-मधुरिम
    जैसे चाहे तोल |

    जो भी सीखे हिंदी-
    घूमे वो भू-गोल |

    उन्नति गर चाहे बन्दा-
    ले जाये बिन मोल ||

    हिंदी की जय बोल |
    हिंदी की जय बोल

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  4. रविकर जी धन्यवाद |

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  5. bahut sundar pagtiya
    kitna undha hai
    racha bhi sundar

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  6. सुंदर प्रस्तुति..

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  7. बहुत सुन्दर रचना ... यही मान मिलना चाहिए हिंदी को ..

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  8. धन्यवाद आपका विद्या जी |

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  9. प्रज्ञा जी आपका पुनः धन्यवाद |

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  10. संगीता जी आपका आभार |

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  11. बहुत सुन्दर रचना ..सुंदर प्रस्तुति...

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  12. आपका धन्यवाद महेश्वरी जी |

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  13. बहुत सुन्दर रचना .........

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