गर्व है मुझको हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है |
बिन निज भाषा उन्नति के, राष्ट्र का विकास नहीं;
परदेशी भाषा के बल पे, हो सकता कुछ खाश नहीं |
राष्ट्रभाषा जब हिंदी है, फिर अंग्रेजियत छोड़ दो;
हिन्दुस्तान में रहते हो, तो दोहरी नियत छोड़ दो |
हिंदी को अधिकार मिले, हर कोने में प्रयोग हो,
संसद में, हर राज्यों में, परदेश में भी उपयोग हो |
हिंदी जन-जन की भाषा, जन-जन तक इसका प्रचार हो;
भारत के हर क्षेत्र में पहुंचे, ऐसे नेक विचार हो |
भारत का हर एक वासी, हिंदी का सम्मान करे;
हर कोई सीखे, हर कोई बोले, नहीं कोई अपमान करे |
हिंदी को बना भारत की बिंदी, इसे सर्वत्र चमकाना है;
हर निजी, सरकारी काज में, हिंदी ही अपनाना है |
बुरा नहीं हर भाषा जानो, पर हिंदी ही सर्वोपरि हो;
हो ज्ञान भले हर भाषा का, पर निज भाषा सर्वोपरि हो |
हिन्दुस्तान में रहते हो, तो दोहरी नियत छोड़ दो |
ReplyDeleteसुन्दर रचना आपकी, नए नए आयाम |
देत बधाई प्रेम से, प्रस्तुति हो अविराम |
सिर्फ़ कहने भर को है।
ReplyDeleteधन्यवाद रविकर जी |
ReplyDeleteब्लॉग में आने के लिए धन्यवाद संदीप जी |
ReplyDeleteसुंदर भाव ....बधाई ..
ReplyDeleteधन्यवाद डा.श्याम गुप्त जी |
ReplyDeleteबहुत बढ़िया रविकर जी |र जी |
ReplyDeleteहिंदी दिवस पर बहुत शुभकामनायें /बहुत ही
ReplyDeleteअच्छी रचना हिंदी हमारी राष्ट्र -भाषा पर बहुत बधाई आपको /
मेरी नई पोस्ट हिंदी दिवस पर आपका स्वागत है आइये और अपनें सन्देश से मुझे अवगत करिए /
www.prernaargal.blogspot.com
अच्छा।
ReplyDeleteधन्यवाद प्रेरणा जी |
ReplyDeleteचन्दन मिश्र जी आपका भी धन्यवाद |
ReplyDeleteहिंदी दिवस पर
ReplyDeleteबहुत ही रोचक और विश्लेष्णात्मक पोस्ट
हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
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जय हिंद जय हिंदी राष्ट्र भाषा
bhtrin .akhtar khan akela kota rajsthan
ReplyDeleteबहतरीन पोस्ट लिखी है जनाब ने .अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
ReplyDeleteधन्यवाद संजय जी
ReplyDeleteधन्यवाद अख्तर खान जी |
ReplyDeleteअच्छी कविता है...राष्ट्रभाषा को समर्पित..
ReplyDeleteधन्यवाद प्रज्ञा जी |
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