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Tuesday, September 13, 2011

राष्ट्रभाषा हिंदी


हिंदी बस एक मात्र नहीं यह मातृभाषा है;
गर्व है मुझको हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा  है |

बिन निज भाषा उन्नति के, राष्ट्र का विकास नहीं;
परदेशी भाषा के बल पे, हो सकता कुछ खाश नहीं |

राष्ट्रभाषा जब हिंदी है, फिर अंग्रेजियत छोड़ दो;
हिन्दुस्तान में रहते हो, तो दोहरी नियत छोड़ दो |

हिंदी को अधिकार मिले, हर कोने में प्रयोग हो,
संसद में, हर राज्यों में, परदेश में भी उपयोग हो |

हिंदी जन-जन की भाषा, जन-जन तक इसका प्रचार हो;
भारत के हर क्षेत्र में पहुंचे, ऐसे नेक विचार हो |

भारत का हर एक वासी, हिंदी का सम्मान करे;
हर कोई सीखे, हर कोई बोले, नहीं कोई अपमान करे |

हिंदी को बना भारत की बिंदी, इसे सर्वत्र चमकाना है;
हर निजी, सरकारी काज में, हिंदी ही अपनाना है |

बुरा नहीं हर भाषा जानो, पर हिंदी ही सर्वोपरि हो;
हो ज्ञान भले हर भाषा का, पर निज भाषा सर्वोपरि हो |

18 comments:

  1. हिन्दुस्तान में रहते हो, तो दोहरी नियत छोड़ दो |

    सुन्दर रचना आपकी, नए नए आयाम |
    देत बधाई प्रेम से, प्रस्तुति हो अविराम |

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  2. सिर्फ़ कहने भर को है।

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  3. धन्यवाद रविकर जी |

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  4. ब्लॉग में आने के लिए धन्यवाद संदीप जी |

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  5. धन्यवाद डा.श्याम गुप्त जी |

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  6. बहुत बढ़िया रविकर जी |र जी |

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  7. हिंदी दिवस पर बहुत शुभकामनायें /बहुत ही
    अच्छी रचना हिंदी हमारी राष्ट्र -भाषा पर बहुत बधाई आपको /
    मेरी नई पोस्ट हिंदी दिवस पर आपका स्वागत है आइये और अपनें सन्देश से मुझे अवगत करिए /


    www.prernaargal.blogspot.com

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  8. धन्यवाद प्रेरणा जी |

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  9. चन्दन मिश्र जी आपका भी धन्यवाद |

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  10. हिंदी दिवस पर
    बहुत ही रोचक और विश्लेष्णात्मक पोस्ट
    हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
    *************************
    जय हिंद जय हिंदी राष्ट्र भाषा

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  11. बहतरीन पोस्ट लिखी है जनाब ने .अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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  12. धन्यवाद संजय जी

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  13. धन्यवाद अख्तर खान जी |

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  14. अच्छी कविता है...राष्ट्रभाषा को समर्पित..

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  15. धन्यवाद प्रज्ञा जी |

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