चाहो मुझे इतना कि पागल ही हो जाए हम,
हम टूट कर भी याद सिर्फ तुझे करे सनम |
रतजगों में भी मेरे अब बस तेरा ही नाम हो,
खुशियों में मेरे बस अब तेरा ही एहसान हो |
तेरे मेरे दरमियान न हो किसी दूरी का एहसास,
जब तक जियूं रहे तू मेरे दिल के आस-पास |
एक-दूजे के भूल को भी खुले दिल से माफ करें,
आओ, कि चाहत से अपने अब इंसाफ करें |
खुने-जिगर से लिख दूँ तेरी धडकनों में अपना नाम,
मोहब्बतों से भरा अपना ये रिश्ता है अनाम |
स्याही की जगह कलम में अपने लहू मैं भर दूँ,
ख्वाबों को भी अपने आज आ, तेरे नाम मैं कर दूँ |
चाहो मुझे इतना कि मैं खुद को ही भूल जाऊँ,
चाहो मुझे इतना कि तुझ बिन एक पल न रह पाऊँ |
चाहो मुझे इतना कि उसकी तपिश में जला दो,
चाहो मुझे इतना कि मेरी हर दुनिया भुला दो |
चाहो मुझे इतना कि ये पल यहीं पे रुक जाए,
चाहो मुझे इतना कि ये आसमान भी झुक जाए |
चाहो मुझे इतना कि हर तरफ तुम ही नजर आओ,
चाहो मुझे इतना कि तुम आज मुझमे समा जाओ |
चाहो मुझे इतना कि भूलूँ जो भी कोई दुःख हो,
कि गेसूओं तले तेरी कोई जन्नत -सा सुख हो |
चाहो मुझे चाहो तुम बस, मैं भी तुम्हें चाहूँ,
चाहत में तेरी मैं अब बस सब कुछ ही भुलाऊँ |
-♥♥"दीप"♥♥
वाह,,,,खुबशुरत प्रस्तुति,,,
ReplyDeleteचाहो मुझे इतना कि उसकी तपिश में जला दो,
चाहो मुझे इतना कि मेरी हर दुनिया भुला दो |
RECENT POST : गीत,
आभार | आपका ब्लॉग हो आया | यूंही स्नेह बनाए रखें |
Deleteसमर्पण का अतिरेक लिए सुंदर रचना......
ReplyDeleteब्लॉग मे आने के लिए धन्यवाद |
Delete.
ReplyDeleteवाह !
सुंदर प्रेम कविता है …
भावनाओं की अभिव्यक्ति सहज शब्दों में हुई है …
चलती रहे लेखनी …
निखरती रहे कविता …
मंगलकामनाओं सहित…
बहुत बहुत आभार आपका |
Deleteप्रेम के उपर जितना लिखा जाए उतना ही कम.....आपने अपने मनोभावों को बड़ी सहजता और सरलता से प्रकट किया है |
ReplyDeleteएक लाजवाब रचना |
मेरे ब्लॉग पार आने के लिए बहुत-बहुत आभार |
सादर |
धन्यवाद | इसी तरह ब्लॉग में पधारते रहे |
DeleteHAR TARAF TUM HI TUM NAJAR AAO:)
ReplyDeleteBAHUT BEHTAREEN...
आपका आभार |
Deleteसुन्दर पोस्ट के लिए बधाई । मेरे नए पोस्ट "श्रद्धांजलि : सदाबहार देव आनंद" को भी एक बार अवश्य पढ़े। धन्यवाद
ReplyDeleteमेरा ब्लॉग पता है:- Harshprachar.blogspot.com
धन्यवाद |
DeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteबहुत बढ़िया नज़्म है भाई. बधाई!
ReplyDeleteआपका आभार |
Deletebahut achha likha hai.
ReplyDeleteshubhkamnayen
धन्यवाद प्रीति जी पहली बार ब्लॉग में आने क एलिए | यूंही आते रहिए |
Deleteआपका आभार |
ReplyDeleteभावुकता से भरी रचना।
ReplyDeleteआभार |
Deletewaah....bahut khoob
ReplyDeleteधन्यवाद |
Delete