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Sunday, September 2, 2012

पानी की बूंद (बाल कविता)

पानी की बूंद-बूंद अमोल है,
इसका न कोई मोल है ;
जीवन देती है इसकी हर बूंद,
यही तो सबके बोल है |

जब बारिश बन गिनती,
मन आह्लादित करती है;
तर कर देती है हर कोना,
खुशी दिल में भर देती है |

प्यास बुझाती हर एक की,
जिंदगी बनती अनेक की;
इसके बिना सब सूखा-सुखा,
बातें हैं ये बड़े नेक की |

कसम हमे अब खानी है,
हर एक बूंद बचानी है;
व्यर्थ नहीं जाने देना है,
अमृत ही यह पानी है |

4 comments:

  1. सुंदर सन्देश देती प्यारी बाल कविता

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  2. पानी ही जीवन देता पानी की बूँद बचानी है
    पानी अमृत है जीवों का ना समझे अज्ञानी है,,,,,

    RECENT POST-परिकल्पना सम्मान समारोह की झलकियाँ,

    ReplyDelete
  3. आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल मंगलवार 4/9/12 को चर्चाकारा राजेश कुमारी द्वारा चर्चा मंच http://charchamanch.blogspot.inपर की जायेगी|

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