सरदार भगत सिंह (28 सितंबर 1907 – 23 मार्च 1931) |
("शहीदे आजम" सरदार भगत सिंह के जन्म दिवस पर श्रद्धांजलि स्वरूप पेश है एक रचना )
जागो देश के वीर वासियों,
सुनो रहा कोई ललकार;
जागो माँ भारत के सपूतों,
शहीदे आजम रहा पुकार |
सुप्त पड़े क्यों उठो, बढ़ो,
चलो लिए जलती मशाल;
कहाँ खो गई जोश, उमंगें,
कहाँ गया लहू का उबाल ?
फिर दिखलाओ वही जुनून,
आज वक़्त की है दरकार;
जागो माँ भारत के सपूतों,
शहीदे आजम रहा पुकार |
पराधीनता नहीं पसंद थी,
आज़ादी को जान दी हमने;
भारत माँ के लिए लड़े हम,
आन, बान और शान दी हमने |
आज देश फिर घिरा कष्ट में,
भरो दम, कर दो हुंकार;
जागो माँ भारत के सपूतों,
शहीदे आजम रहा पुकार |
कई कुरीति, कई समस्या,
से देखो है देश घिरा;
अपने ही अपनों के दुश्मन,
नैतिक स्तर भी खूब गिरा |
ऋण चुकाओ देश का पहले,
तभी जश्न हो तभी त्योहार;
जागो माँ भारत के सपूतों,
शहीदे आजम रहा पुकार |
भ्रष्टाचार, महंगाई से है,
रो रहा ये देश बड़ा;
अपनों ने ही खूब रुलाया,
देख रहा तू खड़ा-खड़ा ?
पहचानों हर दुश्मन को अब,
छुपे हुए जो हैं गद्दार,
जागो माँ भारत के सपूतों,
शहीदे आजम रहा पुकार |
लोकतन्त्र अब नोटतंत्र है,
बिक रहा है आज जमीर;
देश भी कहीं बिक न जाए,
जागो रंक हो या अमीर |
चूर करो हर शिला मार्ग का,
तोड़ दो उपजी हर दीवार;
जागो माँ भारत के सपूतों,
शहीदे आजम रहा पुकार |
आज गुलामी खुद से ही है,
आज तोड़ना अपना दंभ;
आज अपनों से देश बचाना,
आज करो नया आरंभ |
आज देश हित लहू बहेगा,
आज उठो, हो जाओ तैयार;
जागो माँ भारत के सपूतों,
शहीदे आजम रहा पुकार |
-"दीप"
शहीद ए आज़म सरदार भगत सिंह जी ज़िंदाबाद ... इंकलाब ज़िंदाबाद !!
ReplyDeleteकुछ बहरे आज भी राज कर रहे है - ब्लॉग बुलेटिन ब्लॉग जगत मे क्या चल रहा है उस को ब्लॉग जगत की पोस्टों के माध्यम से ही आप तक हम पहुँचते है ... आज आपकी यह पोस्ट भी इस प्रयास मे हमारा साथ दे रही है ... आपको सादर आभार !
आपका बहुत बहुत आभार |
Deleteपहचानों हर दुश्मन को अब ,
ReplyDeleteछुपे हुए जो हैं गद्दार ,
जागो !माँ भारत के सपूतों ,
शहीदे आज़म रहा पुकार .
लोक तंत्र अब नोट तंत्र है ,
बिक रहा है आज ज़मीर ,
देश भी कहीं बिक न जाए ,
जागो रंक हो या अमीर .
--------प्रदीप कुमार (ब्लॉग मेरा काव्य पिटारा )
कोयला कोयला हुई सियासत ,
लोग हुए कितने लाचार ,
स्विस बैंक में पड़ा है गिरवीं ,
झोंटों का आचार विचार .
बहुत बढ़िया प्रस्तुति है भाई साहब !प्रासंगिक सारगर्भित ,मौजू .बधाई .
वीरुभाई ,कैंटन ,मिशिगन .
Aapka aabhaar ....
Deleteशानदार ओजश्वी प्रस्तुति,,,,
ReplyDeleteशहीद भगत सिंह को शत शत नमन,,,
RECENT POST : गीत,
धन्यवाद आपका |
Deleteबहुत बहुत आभार शास्त्री जी |
ReplyDeleteसुन्दर आवाहन .....काश लोगों के ज़मीर जग जायें ..और इस पुकार के स्वर उनकी आत्मा तक पहुँच पाएं
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