पहचान उनकी होती है ऐ "दीप" जो कि महान हैं,
हम तो बस एक अदना सा इंसान हैं ।
पर हम भी किसी के दिल के बादशाह हैं,
अपनी अलग कायनात के शहंशाह हैं ।
खुश हूँ कि धरातल पर का एक इंसान हूँ,
भगवान की नियति का कद्रदान हूँ ।
जिन्दगी तो कुछ क्षणों की मेहमान है,
सफल वही जो झेलता तूफान है ।
मानव होने का मुझको गुरुर है,
परहितकारी बनूँ ये सुरुर है ।
अपनों का पेट भर लेता हर जीवित जान है,
मनुष्य वही पर अश्रु में जिसके प्राण हैं ।
हर किसी से किसी न किसी को आस है,
इसलिए हर इंसान अपने आप में खास है ।
हम तो बस एक अदना सा इंसान हैं ।
पर हम भी किसी के दिल के बादशाह हैं,
अपनी अलग कायनात के शहंशाह हैं ।
खुश हूँ कि धरातल पर का एक इंसान हूँ,
भगवान की नियति का कद्रदान हूँ ।
जिन्दगी तो कुछ क्षणों की मेहमान है,
सफल वही जो झेलता तूफान है ।
मानव होने का मुझको गुरुर है,
परहितकारी बनूँ ये सुरुर है ।
अपनों का पेट भर लेता हर जीवित जान है,
मनुष्य वही पर अश्रु में जिसके प्राण हैं ।
हर किसी से किसी न किसी को आस है,
इसलिए हर इंसान अपने आप में खास है ।
बड़ा वो नहीं जिसके पास बहुत ज्ञान है,
महान तो वो है जिसे खुद की पहचान है ।
(शीर्षक का सुझाव-पूनम श्रीवास्तव)
एकदम सही कहा पहचान तो महान की होती है,
ReplyDeleteभगवान के/की नियति, शुरुर-सुरुर, खाश -खुश ये शब्द कुछ ठीकठाक नहीं लग रहे है, सुधार करिये
बिलकुल सही बात कही है इस कविता में.
ReplyDeleteजिन्दगी तो कुछ क्षणों की मेहमान है,
ReplyDeleteसफल वही जो झेलता तूफान है
pradeep ji bahut sarthak likh rahe ho badhai.
bahut sundar prastuti.
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeletefor me the best lines were
ReplyDeleteअपनी अलग कायनात के शहंशाह हैं !!!
so true we are kings and queens of our own world :D
and every single one is unique !!
Nice blog pradeep
Keep it up !!
बहुत खूब
ReplyDelete