आज हुई पहली बरसात,
बरस गये मेघ आज घुमड़ के,
जगा गए दिल के जज्बात,
आज हुई पहली बरसात |
ताप रहा था कोना-कोना,
गर्मी से आता था रोना,
आह्लादित हो उठी जमात,
आज हुई पहली बरसात |
इन्तजार थे मेघ के,
नयन ताकते नेह से,
ईंद्र देव ने मणि बात,
आज हुई पहली बरसात |
रोज दरश वे दे जाते थे,
सब्र परीक्षा ले जाते थे,
आज दिला के गए निज़ात,
आज हुई पहली बरसात |
मन प्यासा, धरती प्यासी थी,
मरुभूमि में बगिया-सी थी,
तृप्त कर गए वो दिन रात,
आज हुई पहली बरसात |
07.06.2012
07.06.2012
मन मोहक सुंदर अभिव्यक्ति ,,,,,
ReplyDeleteMY RESENT POST,,,,,काव्यान्जलि ...: स्वागत गीत,,,,,
सुन्दर भावो को रचना में सजाया है आपने.....
ReplyDeletebahut sateek kaha
ReplyDeleteपहली बरसात की बात ही निराली होती है..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर चित्रण ..
वाह....पहली बरसात
ReplyDeleteपहली बरसात का बहूत आनंद होता है..
ReplyDeleteसुंदर रचना...
अच्छा हैं ना इस मौसम की पहली बरसात हुई ...और खूब हुई ..
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