![]() |
श्री राम लला |
चलो अवध का धाम
भाई रे, चलो अवध का धाम ।
चलो अवध का धाम
बंधु रे, चलो अवध का धाम ।
![]() |
श्री सरयू घाट |
सरयू तट पर बसा मनोरम ,
कण-कण पावन धरा यहाँ की ;
दरश मात्र सब पाप भगाता ,
है सुधा-सी हवा जहाँ की ।
सब सुर, देवी यहाँ विराजे ,
जहाँ जन्म लिए राम ।
भाई रे, चलो अवध का धाम ।
बन्धु रे, चलो अवध का धाम ।
कनक भवन है दिव्य यहाँ पे ;
राम जन्म भूमि दर्शन कर लो ,
पहर-पहर हर बेला-बेला ,
गूंजता राम का नाम ।
भाई रे, चलो अवध का धाम ।
बन्धु रे, चलो अवध का धाम ।
बलि बजरंगा स्वयं पधारे ;
लखन, सिया संग राम यहाँ पे ,
झूले झूलन सावन सारे ।
भर लो मन में श्रद्धा प्रभु की,
बोलो जय सिया राम ।
भाई रे, चलो अवध का धाम ।