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Friday, October 26, 2012

एहसास तेरी नज़दीकियों का

एहसास तेरी नज़दीकियों का सबसे जुड़ा है यारा,
तेरा ये निश्छल प्रेम ही तो मेरा खुदा है यारा |

ज़ुल्फों के तले तेरे ही तो मेरा आसमां है यारा,
आलिंगन में ही तेरे अब तो मेरा जहां है यारा |

तेरे इन सुर्ख लबों पे मेरा मधु प्याला है यारा,
मेरे सीने में तेरे ही मिलन की ज्वाला है यारा |

समा जाऊँ तुझमे, मैं सर्प हूँ तू चन्दन है यारा,
तेरे सानिध्य के हर पल को मेरा वंदन है यारा |

आ जाओ करीब कि ये दूरी न अब गंवारा है यारा,
गिरफ्त में तेरी मादकता के ये मन हमारा है यारा,

समेट लूँ  अंग-अंग की खुशबू ये इरादा है यारा,
नशा नस-नस में अब तो कुछ ज्यादा है यारा |

कर दूँ मदहोश तुझे, आ मेरी ये पुकार है यारा,
तने में लता-सा लिपट जाओ ये स्वीकार है यारा |

पास बुलाती मादक नैनों में अब डूब जाना है यारा,
खोकर तुझमे न फिर होश में अब आना है यारा |

एहसास तेरी नज़दीकियों का एक अभिन्न हिस्सा है यारा,
एहसास तेरी नज़दीकियों का अवर्णनीय किस्सा है यारा |

11 comments:

  1. इंसान को बे-ईश्क ,सलीका नही आता
    जीना तो बड़ी चीज है,मरना नही आता,,,,

    RECENT POST...: विजयादशमी,,,

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  2. वाह...
    समा जाऊँ तुझमे, मैं सर्प हूँ तू चन्दन है यारा,
    तेरे सानिध्य के हर पल को मेरा वंदन है यारा |
    अच्छी रचना..

    अनु

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  3. आपका आभार शास्त्री जी |

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  4. बहुत खूब कहा है जो भी कहा है यारा .


    Friday, October 26, 2012

    एहसास तेरी नज़दीकियों का


    एहसास तेरी नज़दीकियों का सबसे जुड़ा है यारा,
    तेरा ये निश्छल प्रेम ही तो मेरा खुदा है यारा |

    ज़ुल्फों के तले तेरे ही तो मेरा आसमां है यारा,
    आलिंगन में ही तेरे अब तो मेरा जहां है यारा |

    तेरे इन सुर्ख लबों पे मेरा मधु प्याला है यारा,
    मेरे सीने में तेरे ही मिलन की ज्वाला है यारा |

    समा जाऊँ तुझमे, मैं सर्प हूँ तू चन्दन है यारा,
    तेरे सानिध्य के हर पल को मेरा वंदन है यारा |

    आ जाओ करीब कि ये दूरी न अब गंवारा है यारा,
    गिरफ्त में तेरी मादकता के ये मन हमारा है यारा,

    समेट लूँ अंग-अंग की खुशबू ये इरादा है यारा,
    नशा नस-नस में अब तो कुछ ज्यादा है यारा |

    कर दूँ मदहोश तुझे, आ मेरी ये पुकार है यारा,
    तने में लता-सा लिपट जाओ ये स्वीकार है यारा |

    पास बुलाती मादक नैनों में अब डूब जाना है यारा,
    खोकर तुझमे न फिर होश में अब आना है यारा |

    एहसास तेरी नज़दीकियों का एक अभिन्न हिस्सा है यारा,
    एहसास तेरी नज़दीकियों का अवर्णनीय किस्सा है यारा |

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  5. एहसास तेरी नज़दीकियों का एक अभिन्न हिस्सा है यारा,
    एहसास तेरी नज़दीकियों का अवर्णनीय किस्सा है यारा

    अब तुझ बिन कहाँ गुज़ारा है यारा ?शुक्रिया चर्चा मंच में सुपर -स्ट्रोम सैंडी को बिठाने का .

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  6. एहसास तेरी नज़दीकियों का एक अभिन्न हिस्सा है यारा,
    एहसास तेरी नज़दीकियों का अवर्णनीय किस्सा है यारा |
    ...बहुत ही प्यारा अहसास

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  7. प्यारे एहसासों से सजी रचना..

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  8. बहुत अच्छी और प्यारी सी पोस्ट है।यूँ मान लीजिये की बस .... छु गयी

    .. सुन्दर प्रस्तुती.
    बधाई स्वीकारें।
    आपके ब्लॉग पर आकर काफी अच्छा लगा।मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत हैं।अगर आपको अच्छा लगे तो मेरे ब्लॉग से भी जुड़ें।धन्यवाद !!

    http://rohitasghorela.blogspot.com/2012/10/blog-post.html

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