मेरे साथी:-

Friday, June 3, 2011

आज के लोग

नकाब पे नकाब लगाते हैं लोग,
अपनी असल पहचान छुपाते हैं लोग,
अंदर से वो होते कुछ और ऐ "दीप",
और बाहर से कुछ और दिखाते हैं लोग ।

जाने कितने ही रिश्ते बनाते हैं लोग,
पर कितने रिश्ते निभाते हैं लोग,
"दीप" कहे लोग होशियार हो चले,
काम निकल जाने पे भूल जाते हैं लोग ।

वादे पे वादे किये जाते हैं लोग,
उन वादों से अकसर मुकर जाते हैं लोग,
भरोसा आखिर करे तो किसपे ऐ "दीप",
भरोसे तो अकसर तोड़ जाते हैं लोग ।

इंसानों को ही अकसर सताते हैं लोग,
दुश्मनी भी शान से निभाते हैं लोग,
"दीप" कहे इंसान ही इंसान का दुश्मन,
इंसान से शैतान भी बन जाते हैं लोग ।

अपनी गलतियाँ अकसर छुपाते हैं लोग,
पर औरों पे ऊँगली उठाते हैं लोग,
अपने गिरेबान में कोई झाँकता नहीं ऐ "दीप",
और गलतियों का पुलिंदा बना जाते हैं लोग ।

प्रकृति की कृति बदल जाते हैं लोग,
भगवान को धर्मों में बाँट जाते हैं लोग,
ताक में रखकर मानवता को "दीप",
खुद को ही ईश्वर समझ जाते हैं लोग ।

Sunday, May 29, 2011

इंसान तू खुद को पहचान

पहचान उनकी होती है ऐ "दीप" जो कि महान हैं,
हम तो बस एक अदना सा इंसान हैं ।

पर हम भी किसी के दिल के बादशाह हैं,
अपनी अलग कायनात के शहंशाह हैं ।

खुश हूँ कि धरातल पर का एक इंसान हूँ,
भगवान की नियति का कद्रदान हूँ ।

जिन्दगी तो कुछ क्षणों की मेहमान है,
सफल वही जो झेलता तूफान है ।

मानव होने का मुझको गुरुर है,
परहितकारी बनूँ ये सुरुर है ।

अपनों का पेट भर लेता हर जीवित जान है,
मनुष्य वही पर अश्रु में जिसके प्राण हैं ।

हर किसी से किसी न किसी को आस है,
इसलिए हर इंसान अपने आप में खास है ।


बड़ा वो नहीं जिसके पास बहुत ज्ञान है,
महान तो वो है जिसे खुद की पहचान है ।

(शीर्षक का सुझाव-पूनम श्रीवास्तव)

Friday, May 27, 2011

नेता बन जाते तो...

संसद में हंगामा हम भी खुब मचाते,
उद्घाटन समारोह में हम भी खुब जाते,
हम तो अंतर्मुखी बन घर में बैठ गए,
वर्ना नेता बन जाते तो हम भी खुब कमाते ।

भाषणबाजी में दो कदम आगे बढ़ जाते,
आरोप प्रत्यारोप हम भी खुब लगाते,
माँ ने कहा बेटा अच्छा इंसान बन,
वर्ना नेता बन जाते तो हम भी खुब कमाते ।

झुठे वादे कर मूर्ख हम भी खुब बनाते,
चुनाव जीतकर जनता के पास भी न जाते,
गुरुजी ने सिखाया था झुठ नहीं बोलना,
वर्ना नेता बन जाते तो हम भी खुब कमाते ।

विदेश भ्रमण का संयोग हम भी कुछ लगाते,
बाहुबलि बन हर तरफ रौब हम जमाते,
जमीर ने कहा सदा भला काम करना,
वर्ना नेता बन जाते तो हम भी खुब कमाते ।

लाल बत्ती लगा गाड़ी हम भी खुब दौड़ाते,
बड़े-बड़े अफसरों को हम भी पीट आते,
अंतर्मन ने कहा कभी दिखावा नहीं करना,
वर्ना नेता बन जाते तो हम भी खुब कमाते ।

स्विस बैंक में खाता हम भी एक खुलवाते,
काली कमाई को उसमे आराम से छुपाते,
'काला धन राख समान' सीखा है हमने,
वर्ना नेता बन जाते तो हम भी खुब कमाते ।

दो-एक बार भले जेल भी हम जाते,
पैसों के बल पे अपनी ईज्जत हम बचाते,
पिताश्री ने बेटे को इंजीनियर बना दिया,
वर्ना नेता बन जाते तो हम भी खुब कमाते ।

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