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Friday, January 25, 2013

कर तो लो आराम

रंजिश में ही बीत गई है तेरी तो हर शाम,
छुट्टी लेकर बैर भाव से, कर तो लो आराम |

आपा-धापी, भागम-भाग में,
ठोकर खाकर, गिर संभलकर,
कभी किसी की टांग खींचकर,
कभी गंदगी में भी चलकर |

यहाँ से वहाँ दौड़ के करते, उल्टे सीधे काम,
छुट्टी लेकर भाग-दौड़ से, कर तो लो आराम |

कभी किसी की की खुशामद,
कभी कहीं अकड़ कर बोले,
कभी कहीं पे की होशियारी,
कहीं-कहीं पे बन गए भोले |

बक-बक में ही गुजर गया, जीवन हुआ हराम,
छुट्टी लेकर शोर-गुल से, कर तो लो आराम |

वक्त बेवक्त अपनों की सोची,
सबके लिए बस लगे ही रहे,
झूठ-सच की करी कमाई,
पर पथ में तुम जमे ही रहे |

       अपनों के लिए पीते ही रहे, स्वाद स्वाद के जाम,
       कुछ वक्त खुद को भी देकर, कर तो लो आराम |

17 comments:

  1. वन्देमातरम् ! गणतन्त्र दिवस की शुभकामनाएँ!

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  2. छुट्टी लेकर बैर भाव से, कर तो लो आराम
    बहुत ही सार्थक रचना।

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  3. बढ़िया प्रस्तुति |
    आभार प्रदीप जी -

    गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें-

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  4. बहुत सुन्दर भाव लिए रचना |
    आशा

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  5. बहुत सुंदर रचना,,,प्रभावी अभिव्यक्ति,,,

    गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाए,,,
    recent post: गुलामी का असर,,,

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  6. सुंदर रचना हैँ प्रदीप जी

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  7. वाह .बहुत ही प्रभावशाली अभिव्यक्ति. हार्दिक आभार .

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  8. खुद के लिए भी ज़रा-सा जी लेने की बहुत अच्छी पेशकश...
    अपनों के लिए पीते ही रहे, स्वाद स्वाद के जाम,
    कुछ वक्त खुद को भी देकर, कर तो लो आराम |

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  9. बहुत ही बढ़िया ...

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  10. आपकी रचना लाजवाब है ...
    मेरे ब्लॉग पर भी आपका स्वगत है

    http://parulpankhuri.blogspot.in/

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  11. बहुत सुन्दर गीत .भाषिक स्तर पर भी ताजगी महसूस हुई .आभार हमें चर्चा में न्योंतने का .

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  12. बक-बक में ही गुजर गया, जीवन हुआ हराम,
    छुट्टी लेकर शोर-गुल से, कर तो लो आराम |
    - सब ओर यही तो चल रहा है!

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  13. bahut hi sunder rachna

    shubhkamnayen

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  14. बढ़िया प्रस्तुति .

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  15. नवसंवत्सर की शुभकामनायें
    आपको आपके परिवार को हिन्दू नववर्ष
    की मंगल कामनायें

    aagrah hai mere blog main bhi sammlit hon khushi hogi

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  16. सुंदर प्रस्तुति।।।

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