नन्ही-सी देवी ने अवतार धर लिया,
मेरे मन मष्तिस्क को निसार कर दिया;
खुशियों की आज मेरी न सीमा है कोई,
बगिया को आज मेरे गुलजार कर दिया ।
सबको हँसी की सौगात देन आई,
दिल को एक सुन्दर जज्बात देने आई;
आना उसका सुखद है हम सबके लिए,
रत्नों के संग्रह में आफताब देने आई ।
जीवन के मुकुट में आज रत्न जड़ गया,
चलते-चलते रास्ता एक सोपान चढ़ गया;
"दीप" करे आभार जिसने दिया ये उपहार,
मेरे हृदय का आकार थोड़ा और बढ़ गया ।
मन को सुकून देने वाली सुन्दर रचना ||
ReplyDeleteबहुत-बहुत बधाई ||
bahut bahut badhai deep ji.
ReplyDeleteबधाई!
ReplyDeleteबधाई आपको !
ReplyDeleteनन्हीं परी के आगमन की ढेरों बधाइयाँ.
ReplyDeleteनीरज
सभी का धन्यवाद् |
ReplyDeleteपरी के आगमन की ढेरों बधाइयाँ....
ReplyDeleteबधाई बधाई बधाई आपको !
ReplyDeleteबहुत-बहुत बधाई प्रदी साहनी जी ....
ReplyDeleteBahut pyari Gudiya....
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Badhai Apko ...Ek pita ke man ke bhav hi ho sakte hain ye...pyari kavita...
Dr. Monika Sharma
Dheron badhai v shubhkamna
ReplyDeletebitiya ko ashish aur aapko badhai.
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