मेरे घर गूंजेगी अब मीठी किलकारियाँ,
वो रुदन और क्रंदन अब अकसर सुनाई देगा |
खुशियों की भेंट लेकर कोई तैयार है पड़ा,
देवी कदम रखेगी या कोई देवदूत दिखाई देगा |
बगिया में मनके पुष्प खिलने है वाला,
महक उसका जीवन को नयी ऊंचाई देगा |
महक उसका जीवन को नयी ऊंचाई देगा |
कोई कह रहा बालक, कोई बालिका है कहता,
पर एहसास उसके आने का मन को तरुनाई देगा |
हर अपना मेरा बेसब्र हो बाट जोह रहा,
गोद में कोई नया जाने कब अंगडाई लेगा |
माता-पिता, भाई-बहन प्रफुल्लित है बड़े,
उसके लिए प्रतीक्षा भी दिल को मिठाई देगा |
आभार है उनको जो उसे लाने है वाली,
ममता के छाँव में उनके वो जम्हाई लेगा |
हर्षित “दीप” बार-बार कहता है रब से,
कुशल मंगल आगमन की ये हृदय दुहाई देगा |
आदरणीय भैया जी सप्रेम अभिवादन .... आपकी कविता में खुशियाँ छुपी है ...आपको हार्दिक बधाई ..
ReplyDeleteधन्यवाद् आपका |
ReplyDeleteअनेक शुभकामनाएँ...जल्दी सुनाईयेगा खुशखबरी.
ReplyDeleteइश्वर आपके यहाँ ढेरों खुशियाँ ले कर आये....पिता बनने की अग्रिम बधाई स्वीकारें
ReplyDeleteनीरज
धन्यवाद समीर जी एवं नीरज जी |
ReplyDeleteबहुत-बहुत बधाई हो!
ReplyDeleteहम प्रतीक्षारत हैं।
ईश्वर की कृपा से आपका घर किलकारियों से रौशन हो जाएगा!
dhanyawad shastri ji
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई हो,अग्रिम्।
ReplyDeleteधन्यवाद अनिल जी ।
ReplyDeleteपहिले तो मुबारकबाद ल्यो नवा महमान आवै कि ख़ुशी मा !
ReplyDeleteआप कोशिश करें अच्छा लिख-रच सकते हैं.तुकबंदी में न पड़कर दिल को उतार दें,कविता का जन्म हो जायेगा !
Badhai ho dost
ReplyDeleteसंतोष जी, बहुत बहुत धन्यवाद आपका । मैं आपकी बात का ध्यान रखुँगा आगे ।
ReplyDeleteThanks bibhu..
ReplyDeleteकिसने कहा
ReplyDeleteखुशियां छिपी हैं
वे तो मन पर
छपी हैं
खुशियां हैं
मन पर
तन पर
प्रत्येक शब्द पर
विचार पर
भाव पर
कल कल नाद पर
जीवन किलकारी पर
खुशी की पिचकारी पर
अमिट हैं, छपी हैं।
यूँ गुल खिले हैं बाग़ में खारों के आस-पास,
ReplyDeleteजैसे की गर्दिशें हों सितारों के आस-पास.
रौनक चमन में आ गयी लेकिन न भूलना,
शायद खिज़ा छुपी हो बहारों के आस-पास.
{विख्यात}
Nice post
bahut bahut shubhkamnayen
ReplyDeleteअन्नाभाई जी, मेरे ब्लॉग में आने के लिए और आपकी टिप्पणी के लिए धन्यवाद ।
ReplyDeleteअनवर जमाल जी, आप मुझे डरा रहे हैं क्या ?
ReplyDeleteवैसे मेरे ब्लॉग में आने के लिए धन्यवाद ।
शालिनी जी बहुत बहुत धन्यवाद ।
ReplyDeleteकविताये अच्छी है , मनोभाव बेहतरी से व्यक्त होते है बधाई
ReplyDeleteकुश्वंश जी आपका धन्यवाद ।
ReplyDeletebahut sahi hai apne dil ki abhiwaqti.......badhai ho..kavita aur khushkabri k liye,,,,,,
ReplyDeleteअद्भुत प्रस्तुति.....शुभकामनाएँ. शुभकामनाएँ. शुभकामनाएँ.
ReplyDeleteबहुत-बहुत बधाई साहनी जी
ReplyDeleteThanks Alok..
ReplyDeleteसंजय जी बहुत बहुत धन्यवाद आपका ।
ReplyDeletevery nice
ReplyDeleteAsha
धन्यवाद आशा जी ।
ReplyDeleteKamal hai dost... pata nahin kahan kahan se yeh sabbd dhoond ke late ho aur aisa sanjote ho ki... seedha dil par dastak deti hai yeh kabita banke.... aur kuch nayi khus khabri ane sanket bhi deti hai.. badhayi hoo badhayi ho...
ReplyDelete