मेरे साथी:-

Saturday, July 2, 2011

गूंजेगी मीठी किलकारियाँ

मेरे घर गूंजेगी अब मीठी किलकारियाँ,
वो रुदन और क्रंदन अब अकसर सुनाई देगा |

खुशियों की भेंट लेकर कोई तैयार है पड़ा,
देवी कदम रखेगी या कोई देवदूत दिखाई देगा |

बगिया में मनके पुष्प खिलने है वाला,
महक उसका जीवन को नयी ऊंचाई देगा |

कोई कह रहा बालक, कोई बालिका है कहता,
पर एहसास उसके आने का मन को तरुनाई देगा |

हर अपना मेरा बेसब्र हो बाट जोह रहा,
गोद में कोई नया जाने कब अंगडाई लेगा |

माता-पिता, भाई-बहन प्रफुल्लित है बड़े,
उसके लिए प्रतीक्षा भी दिल को मिठाई देगा |

आभार है उनको जो उसे लाने है वाली,
ममता के छाँव में उनके वो जम्हाई लेगा |

हर्षित “दीप” बार-बार कहता है रब से,
कुशल मंगल आगमन की ये हृदय दुहाई देगा |

29 comments:

  1. आदरणीय भैया जी सप्रेम अभिवादन .... आपकी कविता में खुशियाँ छुपी है ...आपको हार्दिक बधाई ..

    ReplyDelete
  2. धन्यवाद् आपका |

    ReplyDelete
  3. अनेक शुभकामनाएँ...जल्दी सुनाईयेगा खुशखबरी.

    ReplyDelete
  4. इश्वर आपके यहाँ ढेरों खुशियाँ ले कर आये....पिता बनने की अग्रिम बधाई स्वीकारें

    नीरज

    ReplyDelete
  5. धन्यवाद समीर जी एवं नीरज जी |

    ReplyDelete
  6. बहुत-बहुत बधाई हो!
    हम प्रतीक्षारत हैं।
    ईश्वर की कृपा से आपका घर किलकारियों से रौशन हो जाएगा!

    ReplyDelete
  7. बहुत बहुत बधाई हो,अग्रिम्।

    ReplyDelete
  8. धन्यवाद अनिल जी ।

    ReplyDelete
  9. पहिले तो मुबारकबाद ल्यो नवा महमान आवै कि ख़ुशी मा !
    आप कोशिश करें अच्छा लिख-रच सकते हैं.तुकबंदी में न पड़कर दिल को उतार दें,कविता का जन्म हो जायेगा !

    ReplyDelete
  10. संतोष जी, बहुत बहुत धन्यवाद आपका । मैं आपकी बात का ध्यान रखुँगा आगे ।

    ReplyDelete
  11. किसने कहा
    खुशियां छिपी हैं
    वे तो मन पर
    छपी हैं
    खुशियां हैं
    मन पर
    तन पर
    प्रत्‍येक शब्‍द पर
    विचार पर
    भाव पर
    कल कल नाद पर
    जीवन किलकारी पर
    खुशी की पिचकारी पर
    अमिट हैं, छपी हैं।

    ReplyDelete
  12. यूँ गुल खिले हैं बाग़ में खारों के आस-पास,
    जैसे की गर्दिशें हों सितारों के आस-पास.
    रौनक चमन में आ गयी लेकिन न भूलना,
    शायद खिज़ा छुपी हो बहारों के आस-पास.
    {विख्यात}

    Nice post

    ReplyDelete
  13. अन्नाभाई जी, मेरे ब्लॉग में आने के लिए और आपकी टिप्पणी के लिए धन्यवाद ।

    ReplyDelete
  14. अनवर जमाल जी, आप मुझे डरा रहे हैं क्या ?
    वैसे मेरे ब्लॉग में आने के लिए धन्यवाद ।

    ReplyDelete
  15. शालिनी जी बहुत बहुत धन्यवाद ।

    ReplyDelete
  16. कविताये अच्छी है , मनोभाव बेहतरी से व्यक्त होते है बधाई

    ReplyDelete
  17. कुश्वंश जी आपका धन्यवाद ।

    ReplyDelete
  18. bahut sahi hai apne dil ki abhiwaqti.......badhai ho..kavita aur khushkabri k liye,,,,,,

    ReplyDelete
  19. अद्भुत प्रस्तुति.....शुभकामनाएँ. शुभकामनाएँ. शुभकामनाएँ.

    ReplyDelete
  20. बहुत-बहुत बधाई साहनी जी

    ReplyDelete
  21. संजय जी बहुत बहुत धन्यवाद आपका ।

    ReplyDelete
  22. धन्यवाद आशा जी ।

    ReplyDelete
  23. Kamal hai dost... pata nahin kahan kahan se yeh sabbd dhoond ke late ho aur aisa sanjote ho ki... seedha dil par dastak deti hai yeh kabita banke.... aur kuch nayi khus khabri ane sanket bhi deti hai.. badhayi hoo badhayi ho...

    ReplyDelete

कृपया अपनी टिप्पणी दें और उचित राय दें | आपके हर एक शब्द के लिए तहेदिल से धन्यवाद |
यहाँ भी पधारें:-"काव्य का संसार"

हिंदी में लिखिए:

संपर्क करें:-->

E-mail Id:
pradip_kumar110@yahoo.com

Mobile number:
09006757417

धन्यवाद ज्ञापन

"मेरा काव्य-पिटारा" ब्लॉग में आयें और मेरी कविताओं को पढ़ें |

आपसे निवेदन है कि जो भी आपकी इच्छा हो आप टिप्पणी के रूप में बतायें |

यह बताएं कि आपको मेरी कवितायेँ कैसी लगी और अगर आपको कोई त्रुटी नजर आती है तो वो भी अवश्य बतायें |

आपकी कोई भी राय मेरे लिए महत्वपूर्ण होगा |

मेरे ब्लॉग पे आने के लिए आपका धन्यवाद |

-प्रदीप