न हो तू उदास
कि मैं साथ हूँ,
रहेंगी खुशियाँ पास
कि मैं साथ हूँ ।
करना मेरा विश्वास
कि मैं साथ हूँ,
न हो तू उदास
कि मैं साथ हूँ ।
गम का बादल तुझपे कभी छाने नहीं दुँगा,
कमल-सा ये चेहरा मुर्झाने नहीं दुँगा ।
मुस्कान आयेगी रास
कि मैं साथ हूँ,
साथ ले चलुँगा तुझे, कभी खोने नहीं दुँगा,
टूट भी जाऊँ मैं भले, तुझे रोने नहीं दुँगा ।
रखुँगा तेरा आस
कि मैं साथ हूँ,
एक भी स्वप्न आँखों का कभी टूटने नहीं दुँगा,
जिंदगी की दौड़ में पीछे छुटने नहीं दुँगा ।
रहोगे तुम खाश
कि मैं साथ हूँ,
कि मैं साथ हूँ,
रहेंगी खुशियाँ पास
कि मैं साथ हूँ ।
करना मेरा विश्वास
कि मैं साथ हूँ,
न हो तू उदास
कि मैं साथ हूँ ।
गम का बादल तुझपे कभी छाने नहीं दुँगा,
कमल-सा ये चेहरा मुर्झाने नहीं दुँगा ।
मुस्कान आयेगी रास
कि मैं साथ हूँ,
न हो तू उदास
कि मैं साथ हूँ ।
साथ ले चलुँगा तुझे, कभी खोने नहीं दुँगा,
टूट भी जाऊँ मैं भले, तुझे रोने नहीं दुँगा ।
रखुँगा तेरा आस
कि मैं साथ हूँ,
न हो तू उदास
कि मैं साथ हूँ ।
एक भी स्वप्न आँखों का कभी टूटने नहीं दुँगा,
जिंदगी की दौड़ में पीछे छुटने नहीं दुँगा ।
रहोगे तुम खाश
कि मैं साथ हूँ,
न हो तू उदास
कि मैं साथ हूँ ।
बढ़िया रचना!
ReplyDeleteआपकी भानमाओं की दाद देता हूँ!
धन्यवाद शास्त्री जी ।
ReplyDeletebahut sundar bhavon se saji.badhai.
ReplyDeleteधन्यवाद् शालिनी जी |
ReplyDeleteबहुत-बहुत बढ़िया रचना ||
ReplyDeletebahut khoob likha hai pradeep zi
ReplyDelete________________________________
किसी और की हो नहीं पाएगी वो ||
धन्यवाद् रविकर जी एवं मनीष जी |
ReplyDeleteसुंदर कविता, भावनाओं से भरी,
ReplyDeleteविवेक जैन vivj2000.blogspot.com
आपकी इस उत्कृष्ट प्रवि्ष्टी की चर्चा आज शुक्रवार के चर्चा मंच पर भी की गई है!
ReplyDeleteयदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल उद्देश्य से दी जा रही है!
bahut pyari bahut achche bhaavon se paripoorn kavita.
ReplyDeleteधन्यवाद् विवेक जी |
ReplyDeleteशास्त्री जी बहुत बहुत धन्यवाद् आपका सूचित करने के लिए |
ReplyDeleteराजेश कुमारी जी आपका हार्दिक आभार मेरे ब्लॉग में आने के लिए | इसी तरह मेरी रचनाओं में अपनी दृष्टि प्रदान करते रहें और हमे कृतार्थ करें |
ReplyDeleteधन्यवाद् |
बेहतरीन प्रस्तुति ।
ReplyDeleteधन्यवाद सदा जी ।
ReplyDeletebahut hi acchi kavita..aapka prayas charcha manch pe charcha ka bishay bana is hetu hardik badhaiyi
ReplyDeletekisi ko bhi nirasha ke janglo se kheench laane ke liye ye 3 shabd kafi hain. sunder prastuti.
ReplyDelete"Ashu" जी एवं अनामिका जी बहुत बहुत धन्यवाद । इसी तरह मेरे ब्लॉग में पधारते रहें ।
ReplyDeleteसुंदर ...अभिब्यक्ति
ReplyDeleteहार्दिक बधाई ...