दूर करो हर कष्ट राह के, उर में बसो संग सिय राम के ||
बल बुद्धि के आप निधाना, गावो बस तुम राम गुण-गाना |
बल विवेक प्रभु हमको देना, सब अवगुण को तुम हर लेना ||
नित भज लूँ प्रभु नाम तुम्हारा, तुम ही तो हो नाथ हमारा |
विपदा मेरी मिटाना देवा, तत्पर हो करूँ तेरी सेवा ||
शंकर सुवन तुम हे दुख भंजन, भक्ति तेरी ज्यों पावन चन्दन |
भक्तों का तू जीवन तर दे, भक्ति भाव से झोली भर दे ||
अंजनी सूत तुम राम के दासा, पूर्ण करो इस मन की आशा |
विनय करूँ तेरी हे हनुमाना, विनती मेरी तुम ना ठुकराना ||
सभी को महा प्रभु हनुमत जी की जयंती की बधाइयाँ |
bahut achchi chaupaaiyan hain.ram bhakti me leen.
ReplyDeleteबहुत बढ़िया प्रस्तुति....हनुमान जयंती की ढेरों शुभकामनाये
ReplyDeleteबहुत ही अच्छी रचना...बधाई स्वीकारें
ReplyDeleteनीरज
बहुत बढ़िया,,
ReplyDeleteआपको अनेक शुभ कामनाए......