जियेंगे नए साल में, जिन्दगी तुझे फिर से,
अश्कों को लेकर हम खुशियाँ उधार देंगे;
काँटों से भी रण गर होता है तो हो ले,
जीने का सलीका अब फिर सुधार देंगे |
बहुत हो गया, बहुत सहा, बस, अब नहीं है होता,
इस नैतिक गुलामी को तेरे मुँह पे मार देंगे;
माना तुम बलशील हो. अडिग हो मेरु जैसे,
पर तेरे हर चोट पे अब, हम भी वार देंगे |
सोच लिया नववर्ष को खुशनुमा है बनाना,
गत वर्ष का आडंब यहाँ अब उतार देंगे;
करेंगे वही जो हुकुम ह्रदय से मिलेगा,
खुद भी उबरेंगे और सबको उबार देंगे |
सभी को नव वर्ष की शुभकामनायें |
काँटों से भी रण गर होता है तो हो ले,
जीने का सलीका अब फिर सुधार देंगे |
बहुत हो गया, बहुत सहा, बस, अब नहीं है होता,
इस नैतिक गुलामी को तेरे मुँह पे मार देंगे;
माना तुम बलशील हो. अडिग हो मेरु जैसे,
पर तेरे हर चोट पे अब, हम भी वार देंगे |
सोच लिया नववर्ष को खुशनुमा है बनाना,
गत वर्ष का आडंब यहाँ अब उतार देंगे;
करेंगे वही जो हुकुम ह्रदय से मिलेगा,
खुद भी उबरेंगे और सबको उबार देंगे |
सभी को नव वर्ष की शुभकामनायें |
सुन्दर अभिव्यक्ति.........नववर्ष की शुभकामनायें.....
ReplyDeleteनववर्ष मंगलमय हो
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुती,.....
ReplyDeleteWELCOME to--काव्यान्जलि--जिन्दगीं--
bahut badiya prastuti..
ReplyDeleteNavvarsh kee aapko bhi sapariwar hardik shubhkamnayen
सुन्दर अभिव्यक्ति |Merry Christmas to you .
ReplyDeleteMerry Christmas!
ReplyDeleteआज 25/12/2012 को आपकी यह पोस्ट (विभा रानी श्रीवास्तव जी की प्रस्तुति मे ) http://nayi-purani-halchal.blogspot.com पर पर लिंक की गयी हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!
अति सुन्दर रचना....
ReplyDeleteनववर्ष की अनंत शुभकामनाएँ....
:-)
नव वर्ष की शुभकामनायें ...सुंदर प्रस्तुति
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