मेरे साथी:-

Saturday, September 4, 2010

मैं

दोस्तों की दोस्ती, यारों का यार भी हूँ,
दिल से चाहने वाले का प्यार भी हूँ,
हर शख्स, हर अक्स मेरी नज़रों में है,
आँखों की नमी, होठों की हंसी, और सपनों का चौकीदार भी हूँ |

इस जहाँ में करोड़ों में एक आशियाँ मेरा भी है,
सबके बीच इस जहाँ में एक जहाँ मेरा भी है;
मेरे भी कुछ सपने हैं, मेरे भी कुछ अपने हैं,
रंग बिरंगे गुलशन में एक गुलिश्तां मेरा भी है |

4 comments:

  1. ek salah hai bura mat maniyega but word verification remove kar lijiye kayi log padhne k baad bhi iski wajah se comments dene se bachte hain. Alag se comment isliye diya taki ise app delete kar sake aur kavita par meri tippani bani rahe
    regards

    http://alokitajigisha.blogspot.com

    ReplyDelete
  2. maine hata diya hai word verification.. thanks for your suggestion..

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