मेरे साथी:-

Thursday, April 17, 2008

चल कह कोई कहानी

माईंड हो रहा बोर , जाऊँ मैं किस और;
ये रात है सुहानी, चल कह कोई कहानी।

सो जाऊँ मैं कैसे, नींद आती नहीं ऐसे,
मच्छरों की है जवानी, चल कह कोई   कहानी |

लाइफ हो गया चौपट, सुबह बोलेगा पोपट;
न जोश है न रवानी, चल कह कोई कहानी।

नेट में करूँ ओरकुट, या खाऊँ कोई बिस्कुट;
हमे होगी नहीं आसानी, चल कह कोई कहानी।

फिल्मों का है जमाना, सब गातें हैं तराना;
दुनिया बिपाशा की दीवानी, चल कह कोई कहानी।

शाहरुख़ करेगा कॉमेडी, अक्षय करेगा ट्रेजेडी;
फ़िल्म मांगेगा नहीं पानी, चल कह कोई कहानी।

सचिन ने मारा चौका, या धौनी मारेगा छक्का;
मेरे बाप का क्या जानी, चल कह कोई कहानी।

पढ़ाई पे है ध्यान नहीं, GK का कोई ज्ञान नहीं;
है हर बात याद दिलानी, चल कह कोई कहानी।

उसका नंबर उससे लो, नाम पता सब ख़ुद से लो;
लड़की आती नहीं पटानी, चल कह कोई कहानी।

फ्लर्ट करते हो लड़की से, पॉकेट खाली है कड़की से;
याद आयेगी तुझे नानी, चल कह कोई कहानी।

नाचते हो बहुत ताल में, ध्यान है केवल माल में;
एक बात भी न मानी, चल कह कोई कहानी।

मोबाइल से सिर्फ चीपके रहो, मिस कॉल करो पर छिपके रहो;
कहो, बैलेंस नही मेरी रानी, चल कह कोई कहानी।

हर किसी को है पकड़ा, ख़ुद बन गए हो बकरा;
दिमाग की बत्ती है जलानी, चल कह कोई कहानी।

खाते रहो बस खाना, FM में सुनो गाना;
मस्ती करो दिलजानी, चल कह कोई कहानी।

न बनो कभी भी बोतल, बस हँसते रहो टोटल;
स्माइल बनाओ निशानी, चल कह कोई कहानी।

1 comment:

  1. wah wah maja aa gaya ...bahut dino ke baad hindi mein kuch achcha sunne ko mila yaar....hindustaan newspaper ki wo sunday wali supp yaad aa agyi....:):)

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