tag:blogger.com,1999:blog-5202377929099351505.post3135711632411480594..comments2023-10-31T21:08:31.369+05:30Comments on मेरा काव्य-पिटारा: गुमशुदाAnonymoushttp://www.blogger.com/profile/12634209491911135236noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-5202377929099351505.post-32170347575461466382012-11-29T20:43:21.565+05:302012-11-29T20:43:21.565+05:30बढ़िया...यहां सब कुछ है गुमशुदाबढ़िया...यहां सब कुछ है गुमशुदारश्मि शर्माhttps://www.blogger.com/profile/04434992559047189301noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5202377929099351505.post-49495936469708025722012-11-27T22:20:10.241+05:302012-11-27T22:20:10.241+05:30बहुत खूब बहुत खूब Anju (Anu) Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/01082866815160186295noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5202377929099351505.post-29410249754984683562012-11-27T16:57:11.068+05:302012-11-27T16:57:11.068+05:30लोकतंत्र से है लोक जुदा ,
नेता से है ईमान जुदा ,
...लोकतंत्र से है लोक जुदा ,<br /><br />नेता से है ईमान जुदा ,<br /><br />तू मुझसे मैं तुझसे जुदा ,<br /><br />या खुदा .<br /><br />बढ़िया पोस्ट है गम शुदा ,<br /><br />तलाश गुमशुदगी की ,<br /><br />लिखा रपट इस गुमशुदा की .<br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5202377929099351505.post-50935132422061563172012-11-24T01:10:47.122+05:302012-11-24T01:10:47.122+05:30आपका बहुत बहुत आभार |आपका बहुत बहुत आभार |Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/12634209491911135236noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5202377929099351505.post-66220637130181562442012-11-24T00:11:58.648+05:302012-11-24T00:11:58.648+05:30प्रदीप कुमार जी , ...प्रदीप कुमार जी , कमेंट देने के सिस्टम में पूरी तरह परिवर्तन करलें … कमेंट देने की प्रक्रिया इतनी उबाऊ और समय खाने वाली हो तो कमेंट की इच्छा ही खत्म हो जाती है … # और कमेंटकर्ता के नाम को क्लिक करने पर भी आपके ही ब्लॉग के खुलने का सिस्टम तो आपके यहां ही देखा … :( भई ! आपके कमेंटकर्ता तक कोई और न पहुंचे इसके पीछे क्या मंशा है ??राजेन्द्र स्वर्णकारnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5202377929099351505.post-59658010359261800842012-11-24T00:03:28.528+05:302012-11-24T00:03:28.528+05:30वाह वाह प्रदीप जी ! एक शब्द के इर्द-गिर्द कितनी ...वाह वाह प्रदीप जी ! एक शब्द के इर्द-गिर्द कितनी सच्चाइयां ! आपकी लेखनी कमाल करती रहे … वाऽह ! क्या बात है !<br /><br />सुंदर भाव ! सुंदर शब्द !<br /><br /> खूबसूरत रचना ! <br /><br />शुभकामनाओं सहित…राजेन्द्र स्वर्णकारnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5202377929099351505.post-64885867279591043362012-11-22T17:26:15.512+05:302012-11-22T17:26:15.512+05:30बढ़िया प्रस्तुति हार्दिक बधाईबढ़िया प्रस्तुति हार्दिक बधाईRajesh Kumarihttp://www.facebook.com/rajeshvirendranoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5202377929099351505.post-13103028314203657152012-11-21T21:56:53.609+05:302012-11-21T21:56:53.609+05:30"गुमशुदा" समाज पर एक तंज हैं। जिसने भी इ..."गुमशुदा" समाज पर एक तंज हैं। जिसने भी इसे पढ़ा एक कटार सी उनके दिलों पर जरुर चली होगी।<br /><br /> क्या कहने ... वाह।disqus_eDeqSjR3Afnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5202377929099351505.post-86164304355162683722012-11-21T16:59:57.060+05:302012-11-21T16:59:57.060+05:30बहुत ही उम्दा रचना मित्र बधाईबहुत ही उम्दा रचना मित्र बधाईअरुन शर्माnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5202377929099351505.post-13138989811053397832012-11-21T16:04:57.028+05:302012-11-21T16:04:57.028+05:30बहुत सुन्दर प्रस्तुति!बहुत सुन्दर प्रस्तुति!डॉ. रूपचंद्र शास्त्री "मयंक"noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5202377929099351505.post-60657349251937148222012-11-21T11:30:54.678+05:302012-11-21T11:30:54.678+05:30बहुत बढ़िया विषय उठाया है ।
प्रिय प्रदीप जी ने ।
...बहुत बढ़िया विषय उठाया है ।<br /><br />प्रिय प्रदीप जी ने ।<br /><br />जिन्दगी ही है गुमशुदा <br /><br />गमजदा ।।<br /><br />शुभकामनायें ।।dinesh guptanoreply@blogger.com